बिहारी राजनीति के मैदान मे एक दूसरे के कट्टर विरोधी बने जयप्रकाश आन्दोलन के दो दोस्त यानि बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू नेता नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीमो व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान इस मुद्दे पर एकमत है कि सिर्फ तेलंगाना ही नही बल्कि पूर्वोतर राज्यो को छोड कर सभी बडे राज्यो को ठोस प्रशासनिक आधार देने के लिये पुनर्गठन किया जाना चाहिये.श्री कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल,असम जैसे बडे राज्यो का नये सिरे से पुनर्गठन किया जा सकता है क्योंकि यहाँ के क्षेत्रो की परिस्थितियाँ काफी अलग-अलग है.उन्होने कहा कि जब बिहार का बंटबारा हुआ तो तो एक बडे हिस्से (बिहार) के लोग अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित थे तो एक हिस्से (झारखंड)के लोग काफी उत्साहित थे.लेकिन आज आलम कुछ अलग है. अपने कडे परिश्रम की बदौलत बिहार विकसित राज्य होने की ओर अग्रसर है.
श्री पासवान ने कहा कि वर्ष 2000 मे झारखंड,छतीसगढ और उतराखंड का गठन हुआ. सिर्फ झारखंड को छोड कर सारे राज्य मे बडे पैमाने पर विकास हो रहे है. उन्होने कहा कि झारखंड राज्य को विकसित होने के लिये किसी चीज की कमी नही है. यहाँ कमी है तो सिर्फ कुशल नेताओ की. पिछले एक महीने से राजद सुप्रीमो लालू यादव के साथ अपने गठबन्धन के लिये झारखंड विधानसभा चुनाव प्रचार कर रहे श्री पासवान ने स्पष्ट शब्दो मे कहा कि अलग राज्य गठन के बाद यहाँ के नेताओ मे "कौन कितना भ्रष्ट है" का ही मुकाबला होता रहा है.
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