इन दिनो संत आशाराम बापू सुर्खियो मे है.उन कारणो मे मै नही जाना चाहता हूँ.लेकिन गौर से पढिये एक अखबार मे प्रकाशित इस समाचार को.इसे पढने के बाद आप खुद महसूस करेगे कि क्या एक संत को इस तरह का अहंकारी विचारधारा पालनी चाहिये? खासकर भारत जैसे विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश मे उन्हें कानून से उपर माननी चाहिये.क्या उन्हें गिरफ्तार करने पर सरकार तक गिर जायेगी.
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