इन दिनों समुचे झारखंड में राजीव गांधी उद्यमी मित्र योजना धन-बल की राजनीति करने मे माहिर नेताओं व विचौलियों के कारण “खाऊ-पकाऊ” योजना बनकर रह गई है. इस योजना के तहत उद्यम स्थापित करने वालों को प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने, वित्तीय व्यवस्था, तकनीक के चयन, मार्केटिंग और प्लांट एवं मशीनरी की स्थापना में सहयोग देने के नाम पर जिम्मेवार संस्थाएं लोगो से एक मोटी रकम ठग रही है.
ऐसे तो भारत सरकार के लघु और मध्यम उधम मंत्रालय ने झारखंड प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने का जिम्मा जमशेदपुर के एन.एस.आई.सी,देवघर के ग्रामीण महिला विकास केन्द्र तथा रांची के अनंत विकास स्रोत सरीखे नामचीन एन.जी.ओ. को सौंपा है लेकिन, आंकलन करने पर साफ़ उजागर होता है कि प्रायः सब कुछ कागजी तौर पर ही हो रहा है और लाभान्वितों को सब्जा-बाग दिखाकर ठगी का व्यापक गोरखधंधा किया जा रहा है.चुकि तीनों संसथाओं को केंद्र में सत्तासीन कांग्रेसी हुक्मरानों का खुला संरक्षण प्राप्त है,अतःएव शिकायत के बाबजूद कोई कार्रवाई नही हो पाती है.
केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्री सुबोधकान्त सहाय से “खाद-पानी” पाकर चंद वर्षों में काफी फल-फूल रहे रांची के अनंत विकास स्रोत नामक स्वयं सेवी संस्था ने तो भोले-भाले ग्रामीणों/बेरोजगारों को सरेआम लूटने का कार्य कर रही है.जहां विभिन्न दफ्तरों में नौकरी दिलाने के नाम पर २५-५० हजार रूपये यूं ही ऐंठ रही है,वहीं लघु उद्योग स्थापित करने हेतू बैंको से सस्ते व समर्थित दर पर कर्ज मुहैया कराने का प्रलोभन देकर ५-१० हजार रूपये ले रही है.दूसरी तरफ न तो किसी को नौकरी मिल रही है और न ही अपेक्षाकृत कर्ज ही.
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस गोरखधंधे का सबसे अधिक शिकार कांग्रेसी कार्यकर्ता व समर्थक ही हुए हैं.राजधानी रांची जिले में ही ऐसे लोगों की तादात हजारों में है,जिनसे मोटी रकम वसूली गयी है.विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह सब केंद्र सरकार प्रायोजित योजनाओं का सीधा लाभ दिलाने की आड़ में अनंत विकास स्रोत के सचिव राजीव सिन्हा, केंद्रीय मंत्री सुबोधकान्त सहाय के भाई श्री सुनील सहाय एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय,भारत सरकार के कथित टास्क फ़ोर्स सदस्य आर.के.तिवारी इत्यादि का “खेल” चल रहा है.
ऐसे तो भारत सरकार के लघु और मध्यम उधम मंत्रालय ने झारखंड प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने का जिम्मा जमशेदपुर के एन.एस.आई.सी,देवघर के ग्रामीण महिला विकास केन्द्र तथा रांची के अनंत विकास स्रोत सरीखे नामचीन एन.जी.ओ. को सौंपा है लेकिन, आंकलन करने पर साफ़ उजागर होता है कि प्रायः सब कुछ कागजी तौर पर ही हो रहा है और लाभान्वितों को सब्जा-बाग दिखाकर ठगी का व्यापक गोरखधंधा किया जा रहा है.चुकि तीनों संसथाओं को केंद्र में सत्तासीन कांग्रेसी हुक्मरानों का खुला संरक्षण प्राप्त है,अतःएव शिकायत के बाबजूद कोई कार्रवाई नही हो पाती है.
केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्री सुबोधकान्त सहाय से “खाद-पानी” पाकर चंद वर्षों में काफी फल-फूल रहे रांची के अनंत विकास स्रोत नामक स्वयं सेवी संस्था ने तो भोले-भाले ग्रामीणों/बेरोजगारों को सरेआम लूटने का कार्य कर रही है.जहां विभिन्न दफ्तरों में नौकरी दिलाने के नाम पर २५-५० हजार रूपये यूं ही ऐंठ रही है,वहीं लघु उद्योग स्थापित करने हेतू बैंको से सस्ते व समर्थित दर पर कर्ज मुहैया कराने का प्रलोभन देकर ५-१० हजार रूपये ले रही है.दूसरी तरफ न तो किसी को नौकरी मिल रही है और न ही अपेक्षाकृत कर्ज ही.
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस गोरखधंधे का सबसे अधिक शिकार कांग्रेसी कार्यकर्ता व समर्थक ही हुए हैं.राजधानी रांची जिले में ही ऐसे लोगों की तादात हजारों में है,जिनसे मोटी रकम वसूली गयी है.विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह सब केंद्र सरकार प्रायोजित योजनाओं का सीधा लाभ दिलाने की आड़ में अनंत विकास स्रोत के सचिव राजीव सिन्हा, केंद्रीय मंत्री सुबोधकान्त सहाय के भाई श्री सुनील सहाय एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय,भारत सरकार के कथित टास्क फ़ोर्स सदस्य आर.के.तिवारी इत्यादि का “खेल” चल रहा है.
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