बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

"अनंत विकास स्रोत" और एच.डी.एफ.सी.बैंक का यह कैसा धंधा?

करीव ढेड साल पहले एच.डी.एफ.सी बैंक ने रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के एन.एच.-३३ अवस्थित चकला गाँव को गोद लेने की घोषणा की थी.और कहते हैं कि इस कार्य का जिम्मा एक अनुबंध के तहत कांग्रेस के केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के कथित आशीर्वाद से संचालितअनंत विकास स्रोतसंस्था को मिला था.जिसने आनन-फानन में चकला गाँव उसके आसपास के लोगों को सब्ज-बाग दिखाकर सैकड़ों खाता खोले गए.जीरो बैलेंस के साथ एटीएम की सुविधा और एक लाख से तीन लाख तक के न्यूनतम ब्याज दर पर जीविकार्जन हेतु कर्ज की देने की बात कही थी.बैंक परिसर हेतु चकला गाँव स्थित एन.एच.-३३ पर एक मकान को बिना कोइ एडवांस दिए बाद में भुगतान करने की बात कह सुविधानुकूल कार्य भी करा लिया.इस मद में मकान मालिक को करीव एक लाख रूपये से ऊपर खर्चा महज इस लालसा में करने पड़े कि बैंक खुलने पर एक निश्चित किराया रकम (२०००रू.) हासिल होने लगेगी.
लेकिन आज यहाँ सब कुछ उलटा नजर आया,जब पता चला कि यहाँ कोई बैंक नहीं खुलनेवाली थी बल्कि उपरोक्त बैंक और संस्था का लोगों को ठगने का महज एक कमाऊ खेल था. .दिलचस्प पहलू तो यह है कि अब तक जितने भी खाता खोले गए,उसमें से एक को भी सक्रीय नहीं किया गया.मकान मालिक को किराया अनादि खर्च भी नहीं दिए जा रहे है. केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का नाम भुनाने में माहिरअनंत विकास स्रोतनामक संस्था ने एच.डी.एफ.सी.बैंक के लोगों के बीच मकान मालिक से शुरूआती तौर पर ११ महीने का ही अनुबंध यह कहकर किया था कि आगे नियमानुसार ११-११ महीने का अनुबंध बढ़ाया जायेगा.
आलावे पुष्ट सूचना के अनुसार संस्था ने बैंक में नौकरी देने एवं बैंक से कर्ज दिलाने के नाम पर लाखों रूपये वसूले हैं.

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