बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू के विकासपरक नेता नीतिश कुमार ने झारखंड की बदहाली के लिये कांग्रेस की गलत नीतियो की देन है.
उन्होने कहा कि जिस समय अलग राज्य का गठन हुआ था,उस समय बिहार मे मायूसी और झारखंड मे जश्न का महौल था.लेकिन,वक्त बदला,आम जनता के इरादे बदले और आज प्रस्थितियाँ उलट गई है. बिहार मे अब जहाँ खुशहाली का आलम है वही, झारखंड के सवा तीन करोड जनता के बीच अपने भविष्य को लेकर मायूसी का मंजर है.
श्री कुमार ने एक सवाल के जबाब मे कहा कि बिहार और झारखंड मे यूपीए पूरी तरह से बिखरा हुआ है.कांग्रेस ने बलि के नये बकरे के रूप मे झाविमो के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को चुना है. अभी सत्ता के लालच के सामने मरांडी को कुछ नही सूझ रहा है,चुनाव बाद उन्हे सब समझ मे आ जायेगा.
उन्होने कहा कि झारखंड मे कांग्रेसनीत यूपीए द्वारा एक निर्दलीय विधायक को मुख्यमंत्री बनाकर भ्रष्टाचार का का जो घिनौना खेल खेला गया,उसका परिणाम सामने है.आज यूपीए के राजद,लोजपा,झामुमो,कांग्रेस सरीखे दल अपनी जिम्मेवारी से यह कहकर बचने की फिराक मे है कि वे तो बाहर से समर्थन दे रहे थे. उन्होने सवालिये लहजे मे कहा कि क्या झारखंड जैसे अति संवेदनशील प्रांत को 23 महीनो तक 81 सदस्यीय विधानसभा मे 5-6-निर्दलीयो की सरकार रही? श्री कुमार ने स्पष्ट कहा कि यहाँ मधु सबने पिया और कोढा सिर्फ कोडा को मारा जा रहा है. उनके संरक्षक लोगो के खिलाफ तो कोई ध्यान ही नही दे रहा है.
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