वेशक झारखंड का प्रथम सेटेलाईट चैनल दावा करने वाले रांची का स्थानीय न्यूज चैनल 365दिन व उसकी गतिविधियो का गंभीरता से आंकलन करने पर मात्र यही उजागर होता है कि एसके सी ओ (चैनल प्रमुख) अमल कुमार जैन को पत्रकारिता की ए.बी.सी.डी. की जानकारी नही है और वे चैनल प्रमुख के रूप मे 365 दिन के सर्वोसर्वा ही नही बने बैठे है अपितु इलेक्ट्रौनिक मीडीया स्कूल चलाकर न जाने कैसी पत्रकारो की फौज भी खडा करने का दावा कर रहे है. कल देर शाम पलामू के मेदनीनगर मे श्री जैन ने अपने एक चुनावी कार्यक्रम मे जिस तरह की मानसिकता दिखाई और उससे लोकतंत्रिक चुनाव के दौरान वहाँ जानबूझकर प्रस्थितियाँ पैदा की, वह सस्ती लोकप्रियता पाने का बम्बईया स्टाईल मानी जा रही है. इसके पूर्व मैने सीधे श्री जैन द्वारा संचालित रामगढ,धनबाद,रांची जैसे जगहो पर आयोजित लाईव इलेक्शन टेलीकास्ट कार्यक्रम को देखा है.उसे देखकर यही महसूस किया है कि श्री जैन की कार्यक्रम के दौरान भाषा, प्रश्न, उदाहरण, तर्क, हठधर्मिता आदि ऐसे होते है जिसे देखकर कोई भी भडक उठे. उनके कार्यक्रम या उसके संचालन मे मर्यादा या शिष्टाचार कही दिखाई नही देता. वे सिर्फ अपने विचारो,कुतर्को को ही सर्वोपरि मानकर चलते है.मेदनीनगर के कार्यक्रम मे उन्होने वहाँ के भाजपा प्रत्याशी दिलीप नामधारी के पिता व क्षेत्रीय सांसद श्री इन्दर सिन्ह नामधारी के विरूध श्री जैन ने विकास व व्यक्तित्व को लेकर कई ऐसे आपत्तिजनक सीधे टिप्प्णीयाँ की,जिससे उनके कार्यकर्ता भडक उठे और कुर्सियाँ फेंकाफेंकी करने लगे. इससे उन्मादित चैनल प्रमुख अमल कुमार जैन ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुये जानलेवा हमला करने का मामला बना कर सब कुछ राजनीतिक बना दिया.उलेख्नीय है कि मेदनीनगर के भाजपा प्रत्याशी के पिता श्री इन्दरसिन्ह नामधारी झारखंड प्रांत मे एक कद्दावर व ईमानदार छवि के नेता के रूप मे सुविख्यात है. विधानसभाध्यक्ष रह चुके श्री नामधारी बतौर राजनतिक दल प्रत्याशी विपरित परिस्थितियो मे भी लोकसभा कई चुनाव ही न जीते है बल्कि विगत लोकसभा चुनाव वतौर निर्दलीय जीत कर यह प्रमाणित कर दिया कि वे पलामू राजनीति के सबसे प्रतिष्ठित नेता बने हुये है. उनपर नीतीश,लालू,रामविलास तो दूर कांग्रेस,भाजपा के बडे-बडे नेता भी टिप्पणी करने का जोखिम नही उठाना चाहते है. 365 दिन के चैनल प्रमुख के श्री जैन कुछ दिन पहले ही एक पत्रकारीय मामले मे ही रांची के होटवार जेल की हवा खाकर लौटे है.उन्होने वितीय व्यवसाय से जुडे श्री नारनोलिया के सन्दर्भ मे लगातार घोटाले की खबर प्रसारित कर रहे थे.श्री जैन ने लोकप्रिय दैनिक प्रभात खबर के प्रधान संपादक के चरित्र पर भी सवाल उठाये थे. श्री नारनोलिया ने 42 लाख रूपये की रिश्वत मांगने की एक पुलिस प्राथमिक दर्ज कर दी.पुलिस ने अनुसन्धान के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.कह्ते है कि कांग्रेस के बडे नेता द्वारा बीच बचाव के बाद वे जेल से बाहर निकलने मे सफल हो पाये. आश्चर्य की बात तो यह है कि उसके बाद श्री नारनोलिया के अनेक वित्तीय घोटाले को उजागर करने का दावा करने वाली 365 दिन ने इस सन्दर्भ मे कोई प्रसारण नही किया है. ऐसे कई मामले है,जो 365 दिन के प्रमुख श्री अमल कुमार जैन को कटघरे मे खडा करती है
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