आखिर झरखंड के मुख्यमंत्री यानि गुरूजी करें भी तो क्या?
मंत्रिमंडल गठन के बाद उनके सहयोगी दलो मे भारी असंतोष है. उनकी पार्टी झामुमो मे तो स्थिति इतनी विस्फोटक नज़र आ रही है कि दो वरिष्ठ नेता के ताजा वागी तेवर से पार्टी ही टूट के कगार पर दिख रही है। इधर विभाग बंटबारे के बाद कोई मंत्री भी खुश नजर नही आ रहा है. सबको चाहिये मलाईदार विभाग. लगता है कि सिर्फ भाजपा के उपमुख्यमंत्री रघुवर दास ही मनमाफिक विभाग मिलने से खुश नजर आ रहे हैं। कहते हैं कि मंत्री लोग खरमास बाद यानि मकर संक्राति 14 जनवरी की चूडा-दही खाकर ही अपना कार्यभार संभालेगे
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